sad love story in hindi | एक मार्मिक प्रेमकथा
एक मार्मिक प्रेमकथा प्रस्तुत है. कथा की प्रस्तुति के लिए जंगल का ताना बना बुना गया है. कथा इतनी मार्मिक है कि आपकी आंखों से आंसू भी आ सकते हैं. कथा को सामाजिक प्राणी को भी सामने रख कर सोच सकते हैं. चलिये कथा शुरू करते हैं.
एक जंगल में एक चिड़िया और चिड़ा का जोड़ा रहता था. दोनों ने हाल ही में जोड़ा बनाया था. दोनों में बड़ा प्यार था. उनकी जिंदगी मजे में गुजर रही थी.
इन्हें भी जरूर पढ़ें –
एक दिन चिड़िया बोली, ‘‘तुम मुझे छोड़ कर कहीं चले तो नहीं जाओगे?
चिड़ा बोला, ‘‘अरे, पगली मैं तुझे छोड़ कर कहां जाऊंगा.’’
इस पर चिड़िया बोली, ‘‘मुझे ऐसा लगता है. तुम मुझे छोड़ कर चले जाओगे.’’
‘‘मैंने कहां ना पगली मैं तुझे बहुत प्यार करता हूॅ. तेरे बिना मैं जी नहीं सकता तूझे छोड कैसे जा सकता हूॅ. चिड़ा ने बड़े प्यार से कहा.
चिड़िया कभी ना कभी चिड़ा से यह सवाल जरूर करती, चिड़ा भी उसी बात को बड़े प्यार से दोहर देता, ‘‘मैं मुझे प्यार करता हूॅ. मरते दम तक तेरा साथ नहीं छोड़़ुगा.’’
एक दिन फिर से चिड़िया ने चिड़ा से कहा, ‘‘तुम मुझे छोड़ कर चले तो नहीं जाओगे.’’
‘‘अरे, पगली अगर मैं छोड़ जाने लगा तो तू मुझे पकड़ लेना.’’ चिड़ा बोला
इन्हें भी जरूर पढ़ें –
चिड़िया बोली, ‘‘वह तो ठीक है. मैं तुम्हें पकड़ तो सकती हूॅ .....मगर पा तो नहीं सकती..’’
चिड़ा ने इस पर चिड़िया से कहा, ‘‘आज मैं तेरी सारी शंका दूर कर देता हूॅ.’’
वह अपने पंख तोड़ने लगा. चिड़िया को समझ में नहीं आया यह क्या हो रहा है. पंख को तोड़ कर दर्द से कराहते हुए चिड़ा ने कहां, ‘‘पगली अब तो तुझे विश्वास हो गया. मैं तुझे छोड़ कर कहीं नहीं जाऊंगा.’’
चिड़िया चुप रही उसे नहीं सूजा क्या बोले.
इस बीच अचानक एक दिन तूफान आने के संकेत मिले.
चिड़ा ने चिड़िया से कहा, ‘‘तूफान के संकेत काफी खतरनाक दिख रहे हैं. तुम जल्दी से तूफान आने के पहले यहां से चली जाओ.
चिड़िया ने इंतजार नहीं किया वह जल्दी से उड़ कर चली गई.
कुछ ही समय में वहां जबर्दस्त तूफान आया. तेज तूफान में चिड़ा सर्घष करता रहा. वह बूरी तरह से घायल हो गया. तूफान ने ऐसा कहर ढ़ाया की पूरा क्षेत्र तहस-नहस हो गया. मिट चुका था. सब कुछ खत्म करने के बाद तूफान शान्त गया.
चिड़ा बूरी तरह से घायल हो चुका था. इसके बाद भी उसे खुशी थी कि वह इतने बड़े हाइसे में वह बच गया. वह जिस पेड़ पर रहता था. वह जमीन से उखड़ चुका था. उसके घोसले का नामों निशान पूरी तरह से मिट चुका था.
बूरी तरह से घायल चिड़ा गिरे हुए पेड़ की डाली पर बैठा अपनी चिड़िया का इंतजार करने लगा. वह उस पेड़ से दूर भी नहीं जाता था. उसे लगता था किसी भी वक्त उसकी चिड़िया ना आ जाएं पेड़ के उसे पास ना पा कर चिड़िया यह ना सोच लें चिड़ा उसे छोड़ कर चला गया. .
ल्ंाबा वक्त गुजर चुका है. चिड़ा आज भी सूखे पेड़ की
एक डाली पर बैठा अपनी चिड़िया का इंतजार कर रहा है. एक दिन वह जरूर लौटंेगी. (काॅपीराइट स्टेटस गुरू हिन्दी)
दोस्तों आपको कथा कैसी लगी, कमेंट बाक्स में जरूर लिखें. ऐसी ही कथा पढ़ने के लिए स्टेटस गुरू हिन्दी को जरूर फाॅलो करें.
इन्हें भी जरूर पढ़ें –
No comments:
Post a Comment