dhirubhai ambani biography in hindi | घीरूभाई अंबानी बायोग्राफर इन हिन्दी | Status guru hindi
जन्म - जूनागढ़ 28 दिसंबर सन् 1932
मृत्यु - 06 जुलाई 2002
शुरूआत - डिस्पैच क्लर्क
फ्यूचर प्लान - देश की सबसे बड़ी कंपनी बनाना
पुरस्कार - अनेक पुरस्कार व सम्मान
मृत्यु - 06 जुलाई 2002
शुरूआत - डिस्पैच क्लर्क
फ्यूचर प्लान - देश की सबसे बड़ी कंपनी बनाना
पुरस्कार - अनेक पुरस्कार व सम्मान
घीरूभाई अंबानी बायोग्राफी इन हिन्दी स्टेटस गुरू हिन्दी
धीरजलाल अंबानी लोग उन्हें प्यार से धीरूभाई अंबानी कहते उनका जन्म 28 दिसंबर 1932 में गुजरात के जूनागढ़ जिले के एक छोटे से गांव चोरवाड़ गांव में एक गरीब शिक्षक हीरालाल अंबानी के घर हुआ था। धीरूभाई के मां का नाम जमनाबेन था। धीरूभाई चार बहन-भाई थे। उनका शुरूआती जीवन काफी परेशानी में गुजरा। बड़ा परिवार होने की वजह से आर्थिक परेशानी काफी थी।
बचपन से काम की शुरूआत
बचपन से ही काम करना शुरू कर दिया था। पहले फल और नाश्ता बेचना शुरू किया अधिक लाभ ना होने पर गांव के पास स्थित एक मंदिर के पास पकौड़ा बेचने लगे। पर यह काम भी अच्छे से नहीं चल पाया। बिजनेस में मिल दो असफलताओं के बाद उनके पिता ने उन्हें नौकरी करने की सलाह दी।
डिस्पैच क्लर्क से प्रबंधक
बचपन से उनका मन पढ़ाई लिखाई में नहीं लगता था। उन्होंने केवल दसवीं तक स्कूली शिक्षा प्राप्त की थी। उन दिनों धीरूभाई के बड़े भाई यमन में नौकरी किया करते थे। सत्रह साल की उम्र मंे नौकरी करने के लिए वे यमन चले गए। वहां एक पेट्रोन पम्प पर डिस्पैच क्लर्क के पद पर काम किया। दो साल में अपने काम और व्यवहार की वजह से प्रबंधक के पद पर पहुंच गए।
नौकरी नहीं व्यापार में लगता था मन
धीरूभाई का मन हमेशा से ही नौकरी में कम और व्यापार में अधिक लगता था। वे हमेशा बिजनेस शुरू करने की बात सोचा करते। वे अक्सर मन ही मन सोचते कि यहां जितने घंटे मैं काम करता हूं, यदि उतने ही घंटे मैं अपने लिए काम कंरूगा तो एक दिन में कितना कमा सकता हूं और एक महीने में इतना तो एक साल में उतना।
बिजनेस की बारिकियों को समझने
उनके जीवन की एक घटना बिजनेस के प्रति उनके जुनून को पूरी तरह से बयां करती है। धीरूभाई जहां काम कर रहे थे. वहां पर काम करने वालों को चाय मात्र 25 पैसे में मिलती थी। लेकिन धीरूभाई वहां चाय ना पीकर पास में एक बड़े होटल पर चाय पीने जाते थे। जहां चाय एक रूप्ये में मिलती थी। उनका मानना था। बड़े होटल में बड़े-बड़े बिजनेस मैन आते हैं। बिजनेस की बारिकियों पर डिस्कस करते हैं। वे उन्हें सुनने व समझने के लिए वहां जाते थे।
पोलिस्ठिर का बिजनेस
यमन में आजादी के लिए आन्दोलन शुरू हो ज्ज्ञन्ै क्भ् व्ज्ळ स्ै वहां रह रहे भारतीयों को देश छोड़ना पड़ा। धीरूभाई अंबानी भी वहां लौट बाएं। भारत लौटकर बिजनेस शुरू करने की कोशिश में लग गये। इस बीच उन्हें पता चल गया कि विदेशों में भारतीय मसालों की काफी मांग है। भारत में विदेशी कपड़े पोलिस्टर की काफी मांग है। उन्हें मसालें विदेश भेंजना शुरू किया और विदेश से पोलिस्टिल लाना शुरू कर दिया।
रिलायन्स को देश की सबसे बड़ी कंपनी
भारत लौटकर अपनी पहली कंपनी रिलायन्स काॅमर्शियल की स्थापना की। उन्होंने चंपकलाल दमानी के साथ साझे में पन्द्रह हजार की पूंजी लगाकर व्यापार आरंभ किया। उन्होंने नरोदा, गुजरात में वस्त्र निर्माण इकाई का आरंभ किया। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वे दिन-रात मेहनत करते थे। अपनी मेहनत, लगन और बुद्धि से उन्होंने रिलायन्स को देश की सबसे बड़ी कंपनी बना दिया।
उन्होंने सन् 1977 में पूंजी बाजार में अपनी योजनाओं को वित्तीय रूप दिया। उन्होंने अपने दम पर भारतीय शेयर बाजार का नक्शा ही बदल दिया। मध्ययर्वीय लोगों को अपना निवेशक बनाया। इस प्रकार धीरूभाई अंबानी ने देश में एक नई निवेशक नीति आरंभ की।
रिलायंस ग्रूप ने देश में 500 कंपनियों का काॅर्पोरेशन
आम जनता को उन्होंने अपने शेयर बेचे। रिलायंस ग्रूप ने देश में 500 कंपनियों का काॅर्पोरेशन तैयार किया। जो अपने आप में एक मिसाल है। ‘बड़ा सोचो, तेजी से सोचो व सबसे पहले सोचो, विचारों पर किसी का एकाधिकार नहीं होता।’ की सोच रखने वाले रिलायन्स कंपनी के संस्थापक धीरूभाई अंबानी की सफलता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने सन् 1959 में अपना बिजनेस मात्र 15,000 रूपये की पूंजी से आरम्भ किया था। सन् 2002 में जब उनकी मृत्यु हुई उस समय रिलायन्स ग्रुप की सकल संपत्ति 60,000 करोड़ के लगभग थी।
धीरूभाई अंबानी ने पाॅलिस्टर, पैट्रोकैमिकल, तेल शोधक कारखाने व तेल की खोज का अरबों डाॅलर का काॅर्पोरेशन तैयार किया। 6 जुलाई 2002 को उनका निधन हो गया।
निजी जीवन-
धीरूभाई अंबानी का विवाह कोकिलाबेन के साथ हुआ था उनके दो बेटे मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी और उनकी दो बेटियाँ नीना कोठारी और दीप्ति सल्गाओकर है। उनके बड़े बेटे मुकेश अंबानी देश के सबसे अमीर व्यक्ति है। मशहूर पत्रिका फोब्र्स के अक्टूबर अंक में छपी रिर्पोट के अनुसार मुकेश अंबानी की कुल सम्पत्ति 71.3 अरब डाॅलर है.
पुरस्कार और सम्मान-
- - वर्ष 1998 में पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय द्वारा ‘डीन मैडल’ प्रदान किया गया।
- - एशियावीक पत्रिका द्वारा वर्ष 1996, 1998 और 2000 में ‘पॉवर - 50 द मोस्ट पाॅवरफुल पीपल इन एशिया’ की सूची में शामिल।
- - 1999 में बिजनेस इंडिया-बिजनेस मैन ऑफ द ईयर।
- - सन् 1999 में हउर्टन स्कूल के डीन मैडल,
- - सन् 2000 में द टाइम्स आॅफ इण्डिया ने उन्हें ग्रेटेस्ट क्रिएटर आॅफ वेल्थ इन द सेंचुरी, मेन आॅफ द कंट्री,
- - भारत में केमिकल उद्योग के विकास में महत्वपूर्ण योगदान के लिए ‘केमटेक फाउंडेशन एंड कैमिकल इंजीनियरिंग वर्ल्ड’ द्वारा ‘मैन ऑफ द सेंचुरी’ सम्मान, 2000।
- - वर्ष 2001 में द इकोनाॅमी टाइम्स अर्वाड फाॅर कारपोरेट क्सीलेंश फाॅर लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड।
- - फेडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा ‘20वीं उदी के भारतीय उश्मी मैन ऑफ 20जी सेंचुरी’ घोषित किया गया।
- - एशियन बिजनस लीडरशिप फोरम अवॉर्ड्स 2011 में मरणोपरांत ‘एबीएलएफ ग्लोबल एशियन अवार्ड’ से सम्मानित किया गया।
- - भारत सरकार ने उनकी स्मृति मंे एक डाक टिकट जारी किया है।
फ्रेंड्स, dhirubhai ambani biography in hindi | घीरूभाई अंबानी बायोग्राफर इन हिन्दी | Status guru hindi - आर्टिकल आपको जरूर पसंद आया होगा। आर्टिकल पसंद आने पर इंतजार ना करें, कॉपी करें और जल्दी से अपने फ्रेंड्स या पार्टनर को शेयर करें। Facebook, linkedin, Twitter, pinterest, Tumblr, Skype, Instragram, WhatsApp शेयर करें। धन्यवाद
इस वेबसाइट पर भी विजीट करें – www.businessmaantra.com
इन्हें भी पढ़ें –
- Sad Shayari Whatsapp Status | Love Sad Shayari Hindi
- Whatsapp Attitude Status In Hindi Sun Pagli #2
- Funny Shayari On Love In Hindi | Whatsapp Status | Status Guru Hindi
- Whatsapp Attitude Status In Hindi | Sun Pagli Status #3 | Status Guru Hindi
- Love sad shayari status hindi for girlfriend | Status Guru Hindi
No comments:
Post a Comment